महाराष्ट्राच्या आठव्या विधानसभेसाठी व २८८ जागांसाठी २७ फेब्रुवारी १९९० रोजी मतदान झाले. या निवडणुकीत शरद पवाराच्या नेतृत्वाखाली काँग्रेसने १४१ तर शिवसेनेने ५१ आणि भाजपने ४२ जागा जिंकल्या होत्या. १९९० नंतर शिवसेना व भाजप या पक्षांचा राज्यात प्रभाव वाढू लागला होता. १३ अपक्षांच्या पाठिंब्यावर काँग्रेसने सरकार स्थापन केले आणि पवारांनी तिसऱ्यांदा महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रीपदाची शपथ घेतली. ४ मार्च १९९० ते २४ जून १९९१ पर्यंत ते मुख्यमंत्रीपदावर होते.
१९९१ मध्ये देशात लोकसभेच्या निवडणुका झाल्या. पेरांबूर येथे एका मानवी बॉम्बच्या माध्यमातून पंतप्रधान राजीव गांधी यांची हत्या करण्यात आली. राजीव गांधींच्यानंतर काँग्रेसच्या संसदीय पक्षाच्या नेतेपदी पी.व्ही. नरसिंहराव यांच निवड झाली व काँग्रेसचे अध्यक्षपदही त्यांच्याकडे गेले. त्यानंतर त्यांनी पवारांना दिल्लीला बोलावून घेतले व त्यांच्याकडे संरक्षण खाते सोपवले. शरद पवार जवळपास २० महिने संरक्षणमंत्रीपदावर होते. राज्यात पवारांनी राजीनामा दिल्यानंतर सुधाकर नाईक यांची महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रीपदी वर्णी लागली. २५ जून १९९१ ते ४ मार्च १९९३ पर्यंत ते मुख्यमंत्रीपदावर होते. वसंतराव नाईक यांच्यानंतर ३० वर्षानंतर त्यांचे पुतणे सुधाकरराव नाईक यांच्याकडे मुख्यमंत्रीपद आले.
याच काळात लालकृष्ण अडवाणींनी देशभरात रथयात्रा काढून राम मंदिराचा व प्रखर हिंदुत्वाचा मुद्दा लावून धरला होता. ६ डिसेंबर १९९२ रोजी सुमारे दीड लाख लोकांच्या जमावाने अयोध्येतील बाबरी मशीद पाडली. बाबरीचे पडसाद महाराष्ट्रात व मुंबईतही उमटले. मुंबईतील परिस्थिती हाताबाहेर जात असल्याचे पाहून पंतप्रधानांनी शरद पवार यांना तत्काळ मुंबईत जाऊन राज्याची सूत्रे हाती घेण्यास सांगितले. ६ मार्च १९९३ रोजी शरद पवारांनी पुन्हा महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रीपदाची शपथ घेतली. पवार राज्यात परतताच केवळ ८ दिवासात मुंबई साखळी बॉम्बस्फोटाने हादरली. हिंदू-मुस्लिम दंगलीनंतर शुक्रवार, १२ मार्च १९९३ रोजी दुपारी दीड ते साडे तीनच्या दरम्यान १३ साखळी बॉम्बस्फोटाने शहर उद्धवस्त झाले.
३० सप्टेंबर १९९३ रोजी पहाटे ३.५६ वाजता लातूर व उस्मानाबाद जिल्ह्यांना भूकंपाचा जोरदार तडाका बसला. यावेळी मुख्यमंत्रीपदी शरद पवार होते.[१]
मतदारसंघाचा प्रकार
|
खुला
|
अनुसूचित जाती
|
अनुसूचित जमाती
|
एकूण
|
मतदारसंघांची संख्या
|
२४८
|
१८
|
२२
|
२८८
|
निकाल
२८८ जागांसाठी एकूण ३,७६४ उमेदवार रिंगणात होते.[२]
पक्ष
|
लोकप्रिय मते
|
जागा
|
मते
|
टक्केवारी
|
+/-
|
लढवल्या
|
जिंकल्या
|
टक्केवारी
|
+/-
|
|
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
|
१,१३,३४,७७३
|
३८.१७%
|
▼ ५.२४%
|
२७६
|
१४१
|
४९%
|
▼२०
|
|
शिवसेना
|
४७,३३,८३४
|
१५.९४%
|
▲ १५.९४% (१९८५ मध्ये निवडणूक लढवली नाही)
|
१८३
|
५२
|
१८%
|
▲५२
|
|
भारतीय जनता पक्ष
|
३१,८०,४८२
|
१०.७१%
|
▲ ३.४६%
|
१०४
|
४२
|
१५%
|
▲२६
|
|
जनता दल
|
३७,७६,७३७
|
१२.७२%
|
▲ १२.७२% (नवीन पक्ष)
|
२१४
|
२४
|
८%
|
▲२४
|
|
शेतकरी कामगार पक्ष
|
७,१९,८०७
|
२.४२%
|
▼ १.३५%
|
४०
|
८
|
३%
|
▼५
|
|
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष (मार्क्सवादी)
|
२,५८,४३३
|
०.८७%
|
▲ ०.०८%
|
१३
|
३
|
१%
|
▲१
|
|
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष
|
२,१९,०८०
|
०.७४%
|
▼ ०.१८%
|
१६
|
२
|
०.७%
|
-
|
|
भारतीय काँग्रेस (समाजवादी) – सरतचंद्र सिन्हा)
|
२,९०,५०३
|
०.९८%
|
▼ १६.३०% (भारतीय काँग्रेस (समाजवादी) मतांच्या टक्केवारीने)
|
७१
|
१
|
०.३%
|
▼५३
|
|
इंडियन युनियन मुस्लिम लीग
|
१,५०,९२६
|
०.५१%
|
▲ ०.५१% (१९८५ मध्ये निवडणूक लढवली नाही)
|
९
|
१
|
०.३%
|
▲१
|
|
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (खोब्रागडे)
|
१,४७,६८३
|
०.५०%
|
▼ ०.०२%
|
१८
|
१
|
०%
|
▲१
|
|
भारतीय रिपब्लिकन पक्ष
|
३,३८,६८५
|
१.१४%
|
▲१.१४% (नवीन पक्ष)
|
४३
|
०
|
०%
|
|
|
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
|
२,०६,४८६
|
०.७०%
|
▼०.३०%
|
२१
|
०
|
०%
|
-
|
|
बहुजन समाज पक्ष
|
१,२६,०२६
|
०.४२%
|
▲०.४२% (नवीन पक्ष)
|
१२२
|
०
|
०%
|
|
|
जनता पक्ष
|
३१,३४९
|
०.११%
|
▼७.२७%
|
११
|
०
|
०%
|
▼२०
|
|
अपक्ष
|
४०,३६,४०३
|
१३.५९%
|
▼ ३.९०%
|
२२८६
|
१३
|
७%
|
▼७
|
|
एकूण
|
|
१००.००
|
|
३,७६४
|
२८८
|
±०
|
|
|
दिलेली मते / मतदान
|
३,०२,१३,२३८
|
६२.२६%
|
▲ ३.०९%
|
|
नोंदणीकृत मतदार
|
४,८५,२७,९०८
|
|
|
बाह्य दुवे
हे सुद्धा पहा
संदर्भ