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उपांत्यपूर्वफेरी
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उपांत्यफेरी
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अंतिम सामना
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९ मार्च - इक्बाल स्टेडियम, फैसलाबाद, पाकिस्तान
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इंग्लंड
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२३५/८
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१३ मार्च - इडन गार्डन्स, कोलकाता, भारत
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श्रीलंका
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२३६/५
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श्रीलंका
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२५१/८
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९ मार्च - एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम, बंगलोर, भारत
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भारत
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१२०/८
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भारत
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२८७/८
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१७ मार्च - गद्दाफी स्टेडियम, लाहोर, पाकिस्तान
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पाकिस्तान
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२४८/९
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ऑस्ट्रेलिया
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२४१/७
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११ मार्च - नॅशनल स्टेडियम, कराची, पाकिस्तान
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श्रीलंका
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२४५/३
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वेस्ट इंडीज
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२६४/८
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१४ मार्च - पीसीए मैदान, मोहाली, भारत
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दक्षिण आफ्रिका
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२४५
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ऑस्ट्रेलिया
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२०७/८
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११ मार्च - एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम, मद्रास, भारत
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वेस्ट इंडीज
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२०२
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न्यूझीलंड
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२८६/९
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ऑस्ट्रेलिया
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२८९/४
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उपांत्य पुर्व फेरी
इंग्लंड वि श्रीलंका
भारत वि पाकिस्तान
भारत २८७/८ (५० षटके)
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वि
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वेस्ट इंडीज वि दक्षिण आफ्रिका
न्यू झीलंड वि ऑस्ट्रेलिया
उपांत्य फेरी
श्रीलंका वि भारत
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वि
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भारत१२०/८ (३४.१ षटके)
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- सामना प्रेक्षकांच्या दंगलीमुळे पुढे सुरू ठेवता येणार नाही असे ठरवुन, सामना अधिकारी क्लाईव्ह लॉईड यांनी श्रीलंका संघाला विजयी घोषित केले.
ऑस्ट्रेलिया वि वेस्ट इंडीज
अंतिम सामना
श्रीलंका संघाने नाणेफेक जिंकुन प्रथम गोलंदाजी करण्याचा निर्णय घेतला. मार्क टेलर (७४ - ८३ चेंडू) व रिकी पॉंटिंग (४५ - ७३ चेंडू) यांनी दुसऱ्या गड्यासाठी १०१ धावांची महत्त्वपुर्ण भागीदारी केली. हे दोन्ही गडी बाद झाल्यानंतर ऑस्टेलियाची घसरगुंडी झाली व संघ १/१३७ वरून ५/१७० ह्या स्थितित आला. श्रीलंकेच्या फिरकी माऱ्या समोर ऑस्ट्रेलियन फलंदाज हतबल झाल्यासारखे वाटत होते.
श्रीलंकेची सुरुवात निराशाजनक झाली. स्पर्धेत आक्रमक फलंदाजी करनारे सनथ जयसुर्या (९-७ चेंडू) व रोमेश कालुवितरणा(६ - १३ चेंडू) लवकरच तंबुत परतले, तेव्हांसंघाची धावसंख्या होती २३/२.अशंका गुरूशिन्हा (६५ - ९९ चेंडू) व अरविंद डि सिल्व्हा (१०७ - १२४ चेंडू) ह्यांच्या ११५ धावांच्या भागीदारीच्या जोरावर श्रीलंकन संघाने अंतिम सामना २२ चेंडू व ७ गडी राखुन आरामात जिंकला.
अरविंद डि सिल्व्हाने गोलंदाजीत (३/४२) व फलंदाजीत (१०७ - १२४ चेंडू) केलेल्या उत्तम कामगिरीमुळे सामनावीर घोषित करण्यात आले.
बाह्य दुवे