भास्कर रामचंद्र भागवत
भास्कर रामचंद्र भागवत (३१ मे, इ.स. १९१०; इंदूर - २७ ऑक्टोबर, इ.स. २००१) हे बालसाहित्य लिहिणारे मराठी कादंबरीकार, पत्रकार, भाषांतरकार, कादंबरीकार आणि विनोदी लेखक होते. ते 'भा.रा. भागवत' या नावानेच प्रसिद्ध होते. मराठीतील पहिल्या बाल-कुमार साहित्य संमेलनाचे (१९७६) अध्यक्षपद त्यांनी भूषवले. त्यांनी लहान मुलांसाठी - विशेषतः कुमार वयोगटासाठी - अनेक कादंबऱ्या व साहसकथा लिहिल्या. तसेच अनेक कथा, कादंबऱ्या व विज्ञानकथा यांची इंग्रजीतून भाषांतरे आणि रूपांतरे केली. त्यांनी 'ज्यूल व्हर्न' या प्रसिद्ध व आद्य-विज्ञानकथालेखकाचे संपूर्ण लेखन मराठीत भाषांतरीत वा रूपांतरित केले. त्यांनी निर्माण केलेले फास्टर फेणे आणि बिपिन बुकलवार हे नायक इ.स. १९७० आणि १९८० च्या दशकात प्रसिद्धी पावले. मुलांसाठी त्यांनी 'बालमित्र' हे नियतकालिक चालवले; तसेच 'पुस्तकहंडी'सारखे उपक्रमही केले.
भाराभर लिखाण
भा.रा. भागवतांनी १८४हून अधिक पुस्तके लिहिली. त्यांची वर्गवारी अशी :-
४९ कथासंग्रह, १०० कादंबऱ्या, ४ चरित्रे आणि ३२हून अधिक अन्य पुस्तके.
जीवन
भा.रा.भागवतांचा जन्म ३१ मे, इ.स. १९१० रोजी इंदुरात निरीश्वरवादी सुधारकी कुटुंबात झाला [१]. त्यांचे वडील, रामचंद्र भागवत, सरकारी शाळेचे -सुधारकी विचार असलेले- मुख्याध्यापक होते. त्यांनी मुंबई विद्यापीठाच्या क्षेत्रात येणाऱ्या, 'सेंट झेवियर्स महाविद्यालया'तून अर्थशास्त्र हा विषय घेऊन बी.ए. ही पदवी घेतली. इंग्रजी साहित्य हा त्यांच्या आवडीचा विषय होता. दुर्गाबाई भागवत यांच्याशी त्यांचे दूरचे नाते होते. सुरुवातीच्या काळात त्यांच्यासोबत काही लेखनाचा उपक्रम केला होता; पण तो प्रकाशित झाला नाही.
आरंभिक काळ आणि पत्रकारिता
लहानपणापासून इंग्रजी पुस्तकांच्या वाचनाची भागवतांना आवड होती. शालेय जीवनात 'माय मॅगझिन' हे पुस्तक/नियतकालिक आणि गिबन्स, डिकन्स, थॅकरे तसेच ह. ना. आपटे, विष्णूशास्त्री चिपळूणकर ह्यांचे साहित्य ह्यांमुळे प्रभावित होऊन भा.रा. भागवतांनी बालवयातच लेखन सुरू केले. घरातल्या साहित्यप्रेमी पोषक वातावरणामुळे त्यांनी 'वसंत' नावाचे मासिक काढले होते. बालपणी त्यांनी त्यांची आतेबहीण दया परांजपे हिच्या मदतीने 'निळे पाकीट' या रहस्यमय कादंबरीचे लेखन केले. ते छापूनही आले. वयाच्या दहाव्या वर्षी भागवतांची मांजरीवरील कविता 'आनंद' मासिकात छापून आली होती. त्याच सुमारास त्यांनी चित्रावरून लिहिलेली एक गोष्ट 'बालोद्यान' ह्या मासिकात प्रसिद्ध झाली होती.
भागवतांनी इ.स. १९३० च्या दशकापासून पत्रकारितेस आरंभ केला. इ.स. १९३५-३६मध्ये ते दैनिक सकाळचे उपसंपादक होते. इ.स. १९३७-३८ कालखंडात ते प्रकाश साप्ताहिकाचे संपादक होते [२]. ऑल इंडिया रेडियोच्या दिल्ली केंद्रावरील वार्तापत्राचे ते मराठी अनुवादक (इ.स. १९४१-४२) होते. महात्मा गांधींच्या अटकेची बातमी प्रसारित न करण्याचे आदेश असतानाही त्यांनी ती केली आणि नोकरीचा राजीनामा देऊन ते भूमिगत झाले. तेव्हा त्यांचा विवाह लीलावती भागवत यांच्याशी झालेला होता व त्या गरोदर होत्या. पण भा.रा. भागवत भूमिगत झाल्यावर त्यांना लपतछपत मुंबईत परत येणे भाग पडले. याच काळात एस.एम. जोशी यांच्यासोबत भागवत भारतीय स्वातंत्र्य चळवळीत सहभागी होते. विसापूरच्या तुरुंगात त्यांनी त्याबद्दल कारावासही भोगला[२]. त्याच काळात त्यांची आई वारली. त्यांच्या थोरल्या मुलाचा - रवींद्र याचा - जन्मही ते तुरुंगात असतानाच झाला. या स्वातंत्र्यचळवळीतल्या सहभागाबद्दल त्यांना पुढे सरकारी निवृत्तिवेतन मिळत असे.
साहित्यिक कारकीर्द
तुरुंगवासाच्या काळातही भागवतांचे लेखन चालू होते. सुरुवातीच्या काळात ते विनोदी कथालेखन करत असत. माझा विक्रम, वैतागवनातील वाफारे हे त्यांचे सुरुवातीच्या काळातले काही विनोदी कथासंग्रह. मराठीतील उत्कृष्ट विनोदी कथासंग्रहात श्री. राम कोलारकरांनी त्यांच्या जवळपास वीस कथा अंतर्भूत केलेल्या आहेत. स्वतंत्र विनोदी कथा, भाषांतरित व रूपांतरित विनोदी कथा, लोकप्रिय रहस्यकथा व प्रेमकथांची विडंबने अशा सर्व प्रकारचे लेखन त्यांत आहे.
बाल-कुमारांसाठीच्या बालमित्र या पाक्षिकाचे भागवत संस्थापक होते [२]. हा अंक त्यांनी जवळजवळ सात वर्षे काढला. त्यातले बहुतेकसे लेखन भागवत एकटाकी करत. त्यासाठी ते विविध टोपणनावे वापरत असत. हा अंक हौशीपोटी चालवताना त्यांना त्या काळात हजारो रुपयांचे कर्ज झाले होते. [३] इ.स. १९७५ सालच्या बालकुमार साहित्य संमेलनाचे ते संमेलनाध्यक्ष होते.
भा.रां.च्या साहित्यावर आधारित कलाकृती
रघुवीर कुलकर्णी ऊर्फ 'रघुवीर कूल' यांनी भा.रा. भागवत यांच्या 'बिपिन बुकलवार' या पात्रावर आधारित 'लगी शर्त' [४] आणि 'रॉंग मॉरिशस' [५] हे दोन चित्रपट दिग्दर्शित केले. 'चिल्ड्रन्स फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया Archived 2015-04-12 at the Wayback Machine.' या संस्थेने या चित्रपटांसाठी अनुदान दिले आहे. [६]
भा.रा. भागवतांच्या १०५ व्या जयंतीच्या निमित्ताने ऐसी अक्षरे या मराठी संस्थळाने त्यांच्यावर विशेषांक काढला. त्यात भा.रां.चे अप्रकाशित साहित्य, कुटुंबीयांच्या मुलाखती, पूर्वप्रकाशित लेखन, भा.रां.च्या साहित्याची चिकित्सा करणारे लेख, फॅनफिक्शन, फास्टर फेणेच्या गोष्टींमधून येणाऱ्या ठिकाणांचा धांडोळा असे विषय हाताळले आहेत. [७]
प्रबंध
- ‘भा.रा. भागवत आणि लीलावती भागवत यांचे बालसाहित्यातील योगदान’ या विषयावर प्रबंध लिहून नीला धनंजय धडफळे यांनी पुणे विद्यापीठाची पीएच.डी. मिळवली आहे.
समग्र वाड्मय (एकूण १८१ पुस्तके)
क्र.
|
नाव
|
प्रकाशन
|
प्रकाशन वर्ष (इ.स.)
|
साहित्यप्रकार
|
रचना
|
मूळ लेखक
|
१८१ |
अक्काचे अजब इच्छासत्र |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१८० |
अगडबंब मंडळाच्या गोष्टी |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
- |
- |
- |
-
|
१ |
अंतराळ प्रवासाचे पहिले पुस्तक |
- |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
२ |
अंतराळात अग्निबाण |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९६१ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
३ |
अक्काचे अजब इच्छासत्र |
इंद्रायणी प्रकाशन, पुणे |
१९८४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
४ |
अक्रुधान ते पिक्रुधान |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
५ |
अदृश्य माणूस |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
एच्. जी. वेल्स
|
६ |
अद्भुत व्यक्तीच्या शोधात धाडसी वीर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
७ |
अलकनंदा आणि जादूगार जिन |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८ |
असे लढले गांधीजी |
मधुराज पब्लिकेशन्स, मुंबई |
१९९९ |
कादंबरी |
पुनर्कथित |
-
|
९ |
आगे बढो फास्टर फेणे |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१० |
आनंदी आनंद गडे |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००८ |
क्रमित कादंबरी |
अनुवादित |
लॉरा इंगल्स वाईल्डर
|
११ |
आपल्या आगगाड्यांची कहाणी |
नॅशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, नवी दिल्ली |
१९७१ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१२ |
आरसेनगरीत जाई कादंबरी |
नवीन प्रकाशन, पुणे |
१९७७ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
लुईस कॅरल
|
१३ |
इरावतीचा शोध |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४ |
उडती छबकडी |
भारतीय ग्रंथ भवन |
१९६६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१५ |
उमलती कळी |
नाग विदर्भ प्रकाशन, अमरावती |
१९६२ |
क्रमित कादंबरी |
अनुवादित |
लॉरा इंगल्स वाईल्डर
|
१६ |
एक चमत्कारिक रात्र |
- |
- |
- |
- |
-
|
१७ |
एक होते सरोवर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००८ |
क्रमित कादंबरी |
अनुवादित |
लॉरा इंगल्स वाईल्डर
|
१८ |
एका चिन्याचा जमालगोटा |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९० |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
१९ |
एकांड्या बेटावरचे थरारनाट्य |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९८ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
२० |
ऑलिंपिक महोत्सव आणि खेळाडू |
नॅशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, नवी दिल्ली |
१९७५ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
२१ |
कंपनी चालली सूर्याकडे |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
२२ |
काळा बाण |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
२३ |
काशाची काशीयात्रा |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
२४ |
किड्याने घातले कोडे |
परिमल प्रकाशन, औरंगाबाद |
१९९५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
२५ |
किल्ल्यातील कारस्थान |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
२६ |
कॅप्टन किडचा खजिना |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
२७ |
कॅप्टन ग्रँट! तुम्ही कुठे आहात? |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९८ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
२८ |
कैद्याचा खजिना |
पुरंदरे प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
२९ |
क्रिकेटची खुमखुमी जिरली |
अद्वैत प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
३० |
खजिन्याचा शोध |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
३१ |
खजिन्याचे बेट |
ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, नवी दिल्ली |
१९८४ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
३२ |
खजिन्याच्या बेटावर संजूराजू |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९७१ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
३३ |
खरा खजिना |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
३४ |
गडावरचा खजिना |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
३५ |
गढीचा मालक |
- |
- |
- |
- |
-
|
३६ |
गप्प बसा मुंछासेन |
शकुल प्रकाशन, पुणे |
१९८४ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
-
|
३७ |
गांजलेले जीव |
- |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
३८ |
गालफाटूचा पराक्रम |
सोनसळे अँड कं., पुणे |
१९८२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
३९ |
गिरिशिखराचे गुपित |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९८६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
४० |
गुप्त खजिन्याचे बेट |
अतुल बुक एजन्सी |
२००३ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
४१ |
गुलमर्गचे गूढ आणि फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
४२ |
घड्याळाचे गुपित |
इंद्रायणी प्रकाशन, पुणे |
१९८० |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
४३ |
चंद्रावर स्वारी |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९७ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
ज्यूल व्हर्न
|
४४ |
चक्रीवादळात फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
४५ |
चला उत्तर ध्रुवाकडे |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
४६ |
चाणक्य |
मेहता पब्लिशिंग हाऊस, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
पुनःकथित |
-
|
४७ |
चिंकू चिंपांझी आणि फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
४८ |
चिंकूचे चाळे आणि फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
४९ |
चिटोऱ्याचा प्रताप |
- |
- |
- |
स्वतंत्र |
-
|
५० |
छगन सांगू लागला |
कृष्णा प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
५१ |
छगनचे चऱ्हाट चालूच |
कृष्णा प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
५२ |
छोटी मोठी यंत्रे |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
५३ |
जंगल बुकातील दंगल त्या दंगलीतील दोन पोरे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
५४ |
जंगलपटात फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
५५ |
जगाच्या कल्याणा |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९६२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
५६ |
जयदीपची जंगल यात्रा |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७९ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
५७ |
जवानमर्द फास्टर फेणे |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
५८ |
जाईची नवल कहाणी |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७७ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
लुईस कॅरल |
|
५९ |
जुनाट भावलीची भन्नाट कथा आणि इतर पाश्चात्य गोष्टी |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
६० |
जॉर्ज वॉशिंग्टन |
ग. पां. परचुरे प्रकाशन |
१९३२ |
चरित्र |
अनुवादित |
-
|
६१ |
ज्ञान आणि मनोरंजन: भाग पहिला |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९६० |
माहितीपर |
स्वतंत्र |
-
|
६२ |
ज्यूल व्हर्नची अद्भुत सृष्टी |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९८ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
६३ |
झपाटलेला प्रवासी |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९८ |
चरित्र |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
६४ |
टिंग टिंग टिंगा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
६५ |
टिक टॉक फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८९ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
६६ |
टिल्लू नावाचा विदूषक |
- |
- |
- |
रूपांतरित |
-
|
६७ |
ट्रिंग-ट्रिंग-फास्टर फेणे |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
६८ |
डाकूंची टोळी आणि बालवीर |
परचुरे प्रकाशन मंदिर, मुंबई |
१९७५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१७५ |
डाकू बनला डिटेक्टिव्ह आणि दुसऱ्याही काही मजेदार लोककथा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कथासंग्रह |
- |
मॉरीस लेब्लॉं
|
६९ |
ढब्बू राजाची गोष्ट |
- |
- |
- |
रूपांतरित |
-
|
१७९ |
ढोरगावचा चोर |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
- |
- |
- |
-
|
१६५ |
तारस बलबाचे दोन सुपुत्र |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९६२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
७० |
तीन बलून बहाद्दर |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९८ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
७१ |
तुटक्या कानाचे रहस्य |
सुरेश एजन्सी, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
७२ |
तैमूरलंगाचा भाला |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
७३ |
तोंड मिटा मुंछासेन |
- |
- |
- |
रूपांतरित |
-
|
७४ |
तोचि साधु ओळखावा |
महाराष्ट्र प्रकाशन |
१९५९ |
चरित्र |
- |
-
|
७५ |
तोरणा कोणी जिंकला? |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
७६ |
त्यांनी पाहिलेला भारत |
नॅशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, नवी दिल्ली |
१९७० |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
७७ |
त्यांसी म्हणे जो आपुले |
महाराष्ट्र प्रकाशन |
१९५९ |
- |
- |
-
|
७८ |
थॅंक्यू, मिस्टर शार्क आणि दुसऱ्याही काही मजेदार लोककथा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
७९ |
दर्याई डाकू शार्की आणि दुसऱ्याही काही मजेदार लोककथा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
८० |
दर्याई डाकूंच्या गोष्टी |
इंद्रायणी प्रकाशन, पुणे |
१९८४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८१ |
दर्यादेशची राजकन्या |
शांताई प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८२ |
दीपमाळेचे रहस्य |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८३ |
दुःख पर्वताएवढे ('ला मिझरेबल्स'चे भाषांतर) |
संजय प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
८४ |
दुर्मिळ तिकिटाची साहसयात्रा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८५ |
देव तेथेंचि जाणावा |
महाराष्ट्र प्रकाशन |
१९५९ |
कादंबरी |
- |
-
|
८६ |
धूमकेतूच्या शेपटावर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९८६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
८७ |
ध्रुवाने लावले वेड |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
८८ |
नंदू करतो मोत्याची शिकार! |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
८९ |
नंदूचा यांत्रिक माणूस |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९८२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
९० |
नंदूच्या थापांचे ... गरगर फिरे विमान! |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
९१ |
नंदूने रचले मनोरथ |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
९२ |
नागफणी खजिना |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८७ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
९३ |
निर्जन बेटावर धाडसी वीर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
९४ |
निळा मासा |
नाग विदर्भ प्रकाशन, अमरावती |
१९६८ |
- |
स्वतंत्र |
-
|
९५ |
न्यायाधीशाचे अंतरंग |
- |
१९५७ |
- |
अनुवादित |
-
|
९६ |
पबुताईची फ कशी झाली? |
केशव भिकाजी ढवळे प्रकाशन, मुंबई |
१९४६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
९७ |
पबुताईच्या गोष्टी |
केशव भिकाजी ढवळे प्रकाशन, मुंबई |
१९४२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
९८ |
पळवलेल्या पोराची गोष्ट |
ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, नवी दिल्ली |
१९८६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
९९ |
पशुमानवाचे बेट |
ज्ञानदा पब्लिकेशन्स प्रा. लि., पुणे |
२००० |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१०० |
पाच भावांची गोष्ट |
ग. पां. परचुरे प्रकाशन |
१९५५ |
चरित्र |
अनुवादित |
-
|
१०१ |
पाताळलोकची अद्भुत यात्रा |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९७ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
ज्यूल व्हर्न
|
१०२ |
पिझारोचे थैमान |
पुरंदरे प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१०३ |
पिस्तुल बॉम्बच्या कथा |
अद्वैत प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१७७ |
पुत्र असावा ऐसा गुंडा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
- |
- |
- |
-
|
१०४ |
पुनश्च खजिन्याची भेट |
- |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
१०५ |
पुनश्च भेट |
- |
- |
- |
स्वतंत्र |
-
|
१०६ |
पृथ्वी दुभंगली |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
- |
- |
- |
-
|
१०७ |
पोलादपूरचा रणराक्षस |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९८ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१०८ |
पोस्टाच्या तिकिटांची नवलकहाणी |
नॅशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, नवी दिल्ली |
१९७३ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१०९ |
प्रतापगडावर फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
११० |
फार फार सुंदर शहर |
आशय प्रकाशन, पुणे |
१९५८ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१११ |
फास्टर फेणे टोला हाणतो |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११२ |
फास्टर फेणे डिटेक्टिव्ह |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११३ |
फास्टर फेणेचा रणरंग |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११४ |
फास्टर फेणेची एक्स्प्रेस कामगिरी |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११५ |
फास्टर फेणेची काश्मिरी करामत |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८२ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११६ |
फास्टर फेणेची डोंगरभेट |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११७ |
फास्टर फेणेच्या गळ्यात माळ |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११८ |
फुरसुंगीचा फास्टर फेणे |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
११९ |
बर्फभूमीवरील बहाद्दर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९२ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
१२० |
बलदंड बन्यान |
- |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
१२१ |
बाईलचोर |
सोनसळे अँड कं., पुणे |
१९८२ |
- |
- |
-
|
१२२ |
बाजीराव |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
- |
- |
पुनर्कथित |
-
|
१२३ |
बादशाही जासूद |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९७ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
१२४ |
बालबहाद्दर फास्टर फेणे |
पॉप्युलर प्रकाशन, पुणे |
१९६५ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१२५ |
बेन फ्रॅंकलिन - अमेरिकेचा गुणी शास्त्रज्ञ |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९५६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१२६ |
बोला बोला मुंछासेन |
शकुल प्रकाशन, पुणे |
१९८४ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
-
|
१२७ |
ब्रह्मदेशातला खजिना |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१२८ |
भटकबहाद्दर |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९६६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
मूळ -मार्क ट्वेनचे ‘द अॅडव्हेन्चर ऑफ हकलबरी फिन’
|
१७६ |
भटांच्या वाड्यातील भुतावळ |
पुरंदरे प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
- |
चार्ल्स डिकन्स
|
१२९ |
भाग्यशाली सिक्सर |
अद्वैत प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१३० |
भारत पाक युद्ध |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
१३१ |
भारद्वाजाची भरारी |
सोनसळे अँड कं., पुणे |
१९८३ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१३२ |
भाराभर गवत |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००४ |
कथासंग्रह |
- |
-
|
१३३ |
भुताळी जहाज |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९७२ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१३४ |
मडकोबा |
शब्दवेध प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१३५ |
महाभारत |
- |
- |
- |
पुनःकथित |
-
|
१३६ |
महेश उडाला भुर्रर्रsss |
ज्योस्त्ना प्रकाशन, मुंबई |
१९८८ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१३७ |
माझा विक्रम |
केशव भिकाजी ढवळे प्रकाशन, मुंबई |
१९४६ |
- |
स्वतंत्र |
-
|
१३८ |
मायापूरचे रंगेल राक्षस: अर्थात् अतिशक्तिमान घंटासुर व चंडासुर आणि त्यांचे बहुढंगी तऱ्हेवाईक मित्रगण यांच्या अद्भुत साहसांची नवलकहाणी |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९९६ |
कादंबरी |
रूपांतरित |
फ्रांस्वा रेबल
|
१३९ |
मुंबईला चक्कर |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९५ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४० |
मुक्काम शेंडेनक्षत्र |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९६४ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
१४१ |
मूर्तीच्या शोधात मोना |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००८ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४२ |
मोठ्या रानातले छोटे घर |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
२००८ |
क्रमित कादंबरी |
अनुवादित |
लॉरा इंगल्स वाईल्डर
|
१४३ |
रॉबिनहूड आणि त्याचे रंगेल गडी |
इंद्रायणी प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१४४ |
रॉबिन्सन आणि मंडळी |
रुची प्रकाशन, पुणे |
१९६६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४५ |
लाख मांजरी |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९४ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४६ |
वनस्पतींचा जादूगार |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९६५ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१४७ |
विज्ञानवेडे शास्त्रज्ञ |
अनुबंध प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१४८ |
विमानचोर विरुद्ध फास्टर फेणे |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९८९ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१४९ |
वीर पांडव |
- |
- |
- |
स्वतंत्र |
-
|
१५० |
वैतागवनांतील वाफारे |
कॉंटिनेंटल प्रकाशन, मुंबई |
- |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१५१ |
शाब्बास शरलॉक होम्स! (भाग पहिला) |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
आर्थर कॉनन डॉयल
|
१५२ |
शाब्बास शरलॉक होम्स! (भाग दुसरा) |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
आर्थर कॉनन डॉयल
|
१५३ |
शाब्बास शरलॉक होम्स! (भाग तिसरा) |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
आर्थर कॉनन डॉयल
|
१५४ |
शाब्बास शरलॉक होम्स! (भाग चौथा) |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
आर्थर कॉनन डॉयल
|
१५५ |
शाब्बास शरलॉक होम्स! (भाग पाचवा) |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
२००९ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
आर्थर कॉनन डॉयल
|
१५६ |
शाळेतली भुताटकी |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
- |
- |
- |
-
|
१५७ |
शिंगी |
नाग विदर्भ प्रकाशन, अमरावती |
१९५८ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१५८ |
छत्रपती शिवाजी |
अमर चित्र कथा |
- |
कॉमिक स्ट्रिप / चरित्र |
पुनःकथित |
-
|
१५९ |
सगळं सगळं ठीक होतं |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९५६ |
- |
अनुवादित |
-
|
१६० |
सफरचंद |
- |
- |
- |
अनुवादित |
-
|
१६१ |
समुद्र सैतान |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९५६ |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१६२ |
साखर सोंड्या आणि दुसऱ्याही काही मजेदार लोककथा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
१९९६ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१६३ |
सागरी चोरांवर पोरांची मात |
अद्वैत प्रकाशन, पुणे |
१९९४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१६४ |
साता समुद्राचा सुलतान |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९० |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१७८ |
शिकंदरचा बिलंदर कुत्रा |
उत्कर्ष प्रकाशन, पुणे |
- |
- |
- |
-
|
१६६ |
सिंडरेलाची मुलगी मिंडरेला (सहा छानदार परिकथा) |
अनुबंध प्रकाशन, मुंबई |
२००४ |
कथासंग्रह |
स्वतंत्र |
-
|
१६७ |
सुधीरवाडी |
संजय प्रकाशन, पुणे |
१९८० |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
१६८ |
सूर्यावर स्वारी |
लाखाणी बुक डेपो, मुंबई |
१९६४ |
कादंबरी |
अनुवादित |
ज्यूल व्हर्न
|
१६९ |
सोव्हिएटच्या समरकथा |
केशव भिकाजी ढवळे प्रकाशन, मुंबई |
१९४३ |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१७० |
हरीण बालक |
उर्जा प्रकाशन, मुंबई |
१९५५ |
कादंबरी |
अनुवादित |
मार्जरी किनन रॉलिंग्स्
|
१७१ |
हर्क्युलीस |
ऑक्सफर्ड युनिव्हर्सिटी प्रेस, नवी दिल्ली |
१९८६ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१७२ |
हवाई हुकूमशहा |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९७ |
कादंबरी |
अनुवादित |
-
|
१७३ |
हाजीबाबाच्या गोष्टी |
मॅजेस्टिक बुक स्टॉल, मुंबई |
१९९० |
कथासंग्रह |
अनुवादित |
-
|
१७४ |
हिंमतवान जासूद |
राजा प्रकाशन, मुंबई |
१९९० |
कादंबरी |
स्वतंत्र |
-
|
संदर्भ व नोंदी
|
|